अंजनहारी (गुहेरी) के रामबाण घरेलु उपचार |
Palkon ki Funsi dur karne ke Upay
अगर किसी एक पलक पर गुहेरी निकलती है तो उसके पककर फूट जाने के बाद जल्दी ही दूसरी पलक में अंजनहारी (गुहेरी) निकल आती है। एक के बाद एक अंजनहारी का यह सिलसिला बहुत समय तक चलता रहता है। चिकित्सक के अनुसार विटामिन `ए´और `डी` की कमी से अंजनहारी निकलती है। ध्यान रहे कि किसी औरत या
आदमी के ज्यादा समय तक कब्ज से पीड़ित रहने से भी अंजनहारी(गुहेरी) की उत्त्पति होती है। अजीर्ण (अपच) रोग से पीड़ित व्यक्ति भी अंजनहारी के शिकार बनते हैं।
अंजनहारी (गुहेरी) के जानिए लक्षण :
आंखों की दोनों पलकों के किनारे पर बालों (बरौनियों) की जड़ों में जो छोटी-छोटी फुंसिया निकलती हैं उसे ही अंजनहारी, गुहौरी, नरसराय कहा जाता है। कभी-कभी तो यह मवाद के रूप में बहकर निकल जाता है पर कभी-कभी बहुत ज्यादा दर्द देते हैं और एक के बाद एक निकलते रहते हैं।
क्यों निकलती है अंजनहारी(गुहेरी) ?
1. आंखों को सुबह-सुबह उठकर साफ पानी से साफ नहीं करने पर अंजनहारी निकलती है।
2. दिन में घूमने-फिरने से, बस या स्कूटर पर यात्रा करने पर धूल-मिट्टी और गाड़ियों का धुंआ जब आंखों में जाता है तो यह आंखों के अन्दर रह जाता है।
3. ज्यादातर औरतें और आदमियों को एक बुरी आदत होती है कि वह घर में या आफिस में काम करते हुए बार-बार अपनी आंखों पर हाथ लगाते हैं। औरते भी रसोई में काम करते हुए अपनी साड़ी के पल्लू से कभी किसी चीज को पोंछकर साफ करती है तो उसी से आंखों को पोंछने लगती हैं। इस तरह धूल-मिट्टी के साथ जीवाणु भी उनके आंखों में लग जाते हैं। जीवाणुओं के फैलने से अंजनहारी(गुहेरी) की उत्त्पति भी होती है।
आंख पर फुंसी पलक की फुंसी आँख में गुहेरी का उपचार :
1. खजूर : गुहेरी (आंख की फुंसी) होने पर खजूर की गुठली को घिसकर लेप बना लें। इस लेप को आंखों की पलकों पर लगाने से लाभ होता है।
2. तुलसी : आंखों की पलकों पर होने वाली फुंसी पर तुलसी के रस में लौंग घिसकर लगाना चाहिए।
3. पत्थरचूर : चाहे कितना ही भयानक रूपी अंजनहारी क्यों न हो गई हो तो पत्थरचूर का पत्ता पीसकर चूर्ण के रूप में आंख बंद करके पट्टी बांधे। इससे काफी लाभ होगा।
4. नीम(Neem) : नीम की खाल को पीसकर पानी के साथ दिन में दो बार लेप करने से अंजनहारी जल्दी पककर फूट जाती है।
5. हरीतकी : हरीतकी (हरड़े) को पानी में घिसकर अंजनहारी पर लेप करने से लाभ होता है।
6. अजवायन(Oregano) : अजवायन का रस पानी में घोलकर उस पानी से गुहेरी को धोने से गुहेरी जल्दी ठीक हो जाती है।
7. लौंग (Cloves): लौंग को घिसकर पानी के साथ मिलाकर गुहेरी पर लगाने से बस शुरुआत में थोड़ी जलन महसूस होती है तथा बाद में गुहेरी समाप्त हो जाती है।
8. आम (Mango): आम के पत्तों को डाली से तोड़ने पर जो रस निकलता है उस रस को गुहेरी पर लेप करने से गुहेरी जल्दी समाप्त हो जाती है।
9. इमली (tamarind): इमली के बीजों के ऊपर का लाल छिलका हटाकर पानी के साथ घिसकर, गुहेरी पर लगाने से बहुत लाभ होता है।
10. बेर(Plum) : बेर के ताजे पत्तों को तोड़कर उसके डंठल का रस गुहेरी पर लगाने से लाभ होता है।
11. रसांजन : 5 ग्राम रसांजन को बहुत बारीक पीसकर उसमें शहद और 10 ग्राम गुलाबजल मिलाकर शीशी में रखें। इस मिश्रण को रोजाना 3 से 4 बार बूंद-बूंद करके आंखों में डालने से गुहेरी समाप्त हो जाती है।
12. छुहारा: छुहारे के बीज को पीसकर पानी के साथ गुहेरी पर दिन में 2 से 3 बार लेप करने से बहुत लाभ होता है।
13. त्रिफला (हरड़, बहेड़ा और आंवला) : 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण और 2 ग्राम मुलहठी को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से गुहेरी समाप्त हो जाती है।
14. त्रिफला को रात के समय पानी में डालकर रख दें सुबह उठकर उस पानी को कपड़े मे छानकर आंखे धोने से अंजनहारी से मुक्ति मिलती है।
15. रोजाना सुबह-शाम 3-3 ग्राम त्रिफला के चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से अंजनहारी निकलना बंद हो जाती है।
16. कालीमिर्च(Black pepper) : 10-10 ग्राम रसौत, कालीमिर्च, पीपर और सौंठ लेकर सबको एक साथ बारीक पीसकर पानी में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इस गोली को पानी के साथ घिसकर गुहेरी पर लेप करने से जल्दी आराम आता है।
17. कालीमिर्च को पीसकर पानी के साथ अंजनहारी पर लेप करने से जल्दी लाभ होता है। कालीमिर्च के लगाने से शुरुआत में दर्द जरूर होगा।
18. बांस : बांस की कोपलों का रस लगाने से गुहेरी ठीक हो जाती है।
19. सत्यानाशी : सत्यानाशी (पीला धतूरा) का दूध घी में मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
20. इमली : इमली के बीजों की गिरी साफ पत्थर पर चंदन की तरह घिसकर गुहेरी पर लगाने से तुरंत ही ठंडक पहुंचती है और गुहेरी भी ठीक हो जाती है।