Pregnancy Care Tips in Hindi – गर्भावस्था में ध्यान रखने योग्य बातें
प्रेगनेंसी केयर (Pregnancy Care )से हमारा तात्पर्य गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों(Precautions) से है | आम तौर पर या पारिवारिक दृष्टिकोण से यदि हम देखें तो महिलाओं (Ladies) को गर्भावस्था के दौरान ही सबसे अधिक केयर (Care) करने की आवश्यकता पड़ती है, ताकि जच्चा एवम अजन्मा बच्चा दोनों की हेल्थ (health) हेल्थी रहे और अधिकांशतः इंडिया में जागरूक महिलाओं द्वारा प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnancy care tips) का अनुसरण भी किया जाता है, लेकिन फिर भी वर्ष 2013 के एक आंकड़े के मुताबिक गर्भवती महिलाओं की संख्या का लगभग 17% महिलाओं की बच्चे पैदा करने के दौरान मृत्यु हो जाती है | और इनमे अधिकतर उन महिलाओं की संख्या होती है जिनमे प्रेगनेंसी (Pregnancy)के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी (information ) का अभाव रहता है | इसी बात के मद्देनज़र आज हम प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnancy care tips) की जानकारी देने वाले हैं ताकि उपर्युक्त प्रतिशत को कम करने में हम भी थोड़ा बहुत अपना योगदान दे सकें और आप अपना योगदान यह जानकारी अपने दोस्तों के साथ शेयर करके दे सकते हैं |
Pregnancy Care Tips Video
गर्भावस्था में ध्यान रखने योग्य जानकारी (Precautions during pregnancy in Hindi)
वैसे तो प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnancy Care tips) की लिस्ट बहुत लंबी है, लेकिन यहाँ पर हम प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnancy Care Tips) को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है-
1.गर्भावस्था के दौरान सामान्य देखभाल (General Care during Pregnancy in Hindi):-
एक गर्भवती महिला(Pregnant Lady) को चाहिए की वह गर्भावस्था के दौरान Alcohol यानिकि मदिरा को हाथ ना लगाएं, चाहे किसी कॉकटेल पार्टी में गयी हों या किसी अन्य आयोजन में। अल्कोहल का अजन्मे शिशु और माँ के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है | इससे गर्भस्थ शिशु फेटल अल्कोहल सिंड्रोम का शिकार हो जाता है । वह मंदबुद्धि और आनुवंशिक रोगों से पीड़ित हो सकता हे । उसका नर्वस सिस्टम नष्ट हो सकता है । उनकी आँखों और दिल में दोष व् चेहरे के अलावा अंगो के सिस्टम में अधूरापन हो सकता है।
यदि प्रेगेनेंट लेडी धूम्रपान की आदी हों तो उन्हें तुरंत इसका परित्याग करना होगा क्योंकि सिगरेट पीने वाली महिलाओं का गर्भपात हो सकता है या प्री मेच्योर डिलीवरी (Pre mature delivery) भी हो सकती है, जिससे बहुत सारी जटिल स्थिति (Complications) का जन्म हो सकता है
यह प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnancy Care tips) डॉक्टर की सलाह के बिना ली जाने वाली दवाओं पर आधारित है, एक गर्भवती महिला (Pregnant Lady) को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही किसी मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए | बिना डॉक्टर की सलाह पर ली जाने वाली दवाएं गर्भावस्था (Pregnancy) में भयंकर परिणाम पैदा कर सकती है |
माइक्रोवेव ओवन (Microwave oven) का ज्यादा इस्तेमाल करने पर उससे होने वाले रेडिएशन का असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। उसके विकसित हो रहे दिमाग व अंगों पर खराब प्रभाव पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिला (pregnant lady) को यह प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnancy care tips) अपनाकर माइक्रोवेव का खुद के द्वारा किये जाने वाले इस्तेमाल से बचना चाहिए |
मोबाइल के संपर्क में ज्यादा रहने से उससे होने वाला रेडिएशन शरीर ,मस्तिष्क और गर्भ को प्रभावित करता है! इसलिए जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं, उनके बच्चे व्यवहार संबंधी समस्याओं के साथ पैदा होते हैं।
प्रेगनेंसी केयर टिप्स में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने X-RAY न करने की सलाह दी है क्योकि उनका मानना है की इसके नुकसान तुरंत नहीं पता चलते, पर गर्भ के माध्यम से इसकी किरणें बच्चे को प्रभावित करती हैं।
यदि किसी कारणवश (Fever) इत्यादि के कारण गर्भवती महिला डॉक्टर के पास इलाज (Treatment) के लिए जाती है तो उसे डॉक्टर को बताना चाहिए की वह गर्भवती (Pregnant) हैं और इस बात की ध्यान में रखते हुए ही वे इलाज करें ।
यह प्रेगनेंसी केयर टिप्स गृह कार्यों से सम्बंधित है क्योंकि घर में ही मौजूद कई चीजें महिला के लिए जोखिम भरी हो सकती हैं। यदि हर काम अपने आप करती हैं, तो क्लीनर, थिनर और पेंट जैसे पदार्थों से दूर ही रहें। इनकी तेज केमिकल गंध से गर्भावस्था (Pregnancy) में जटिल स्थिति (complications) पैदा होती हैं।
गर्भावस्था (Pregnancy) के पहले तीन महीनो में शरीर का तापमान सामान्य रहना जरुरी होता है वरना बच्चे के जन्म के समय दोष आ सकते है इसलिए शरीर का तापमान (Body Temperature) पर निगाह रखे !
यदि गर्भवती महिला (Pregnancy Lady) गर्भावस्था के दौरान गर्भावस्था में की जाने वाली व्यायाम (exercise) करती है तो पानी व् जूस पीती रहें। इससे शरीर का तापमान संतुलित रहेगा। इसका ध्यान न रखने पर बॉडी बहुत गर्म ( over heat) हो जाती है , जिससे बच्चे को नुकसान पहुंचता है।
2.गर्भावस्था के दौरान यात्रा में देखभाल (Travelling care during pregnancy):-
यह जरुरी नहीं है की महिला गर्भ से है तो वह यात्रा (Travel) नहीं कर सकती इन नौ महीनों में बहुत सारे ऐसे मौके आ सकते हैं जब महिला को न चाहते हुए भी यात्रा करना पड़ सकता है | लेकिन गर्भवती महिला को ट्रेवल करते वक्त भी बहुत सारी प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnant care tips) का अनुसरण करना पड़ सकता है,
यदि कोई गर्भवती महिला को व्यवसायिक कारणों से यात्रा (Travelling) करनी पड़ती है तो वह Maternity Benefits Act का फायदा ले कर यात्रा करने के जोखिम से बच सकती है !
गर्भकाल के शुरुवाती 3 महीने सबसे ज्यादा critical होते है इसलिए डॉक्टर (doctors) भी यात्रा ना करने की सलाह देते है !
यह अवधि पूर्ण होने के बाद ट्रेन, कार से यात्रा की जा सकती है। सबसे आरामदायक ट्रेन का सफर होता है , क्योकि उसमे उठने बैठने , चलने की सुविधा रहती है।
कार में सीट बेल्ट लगा कर बैठे तथा प्लेन में यात्रा करते समय खूब पानी पिए । शरीर में पानी की कमी हो सकती है | शरीर को स्ट्रेच करती रहें और किसी भी सफर में जाने से पहले डॉक्टर (Doctor) से पूछ लें |
3.गर्भावस्था के दौरान आवश्यक भावनात्मक सहायता (Emotional Support required during pregnancy) :-
एक गर्भवती महिला अपने आने वाले बच्चे के प्रति लाखों करोडो अवधारणाएं/ भावनाएं अपने मन में समाये हुए उसके प्रति सपने बुनने लगती है | यही कारण है की महिला में भावनात्मक रूप से परिवर्तन दिखाई देते हैं जिनसे निबटने के लिए महिला को एम्पटिनल सपोर्ट की आवश्यकता पड़ती है | जानते हैं की प्रेगनेंसी केयर टिप्स (Pregnancy Care tips) की इस श्रेणी में परिवार के लोगों को या पति पत्नी दोनों को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए |
पति पत्नी दोनों गर्भावस्था (Pregnancy) पालन करने और गर्भधारण के बाद Counselling के लिए साथ-साथ डॉक्टर (Doctor) के पास जाएं। जब दोनों साथ डॉक्टर के पास जाते हैं तो सारी बातें एक साथ जान पाते हैं, जिस से दोनों को मिल कर बच्चे के आने की तैयारी करने में आसानी होती हैं। और Delivery से संबंधित मुश्किल फैसले ले पाते हैं। पति की मौजूदगी पत्नी को बल देती है। पति के साथ होने पर यदि पत्नी कुछ पूछना भूल जाती है, तो पति याद दिला देते हैं।
डॉक्टर से जो पूछना चाहती हैं, डायरी में लिख लें, ताकि आशंकाओं का समाधान हो जाए।
During pregnancy अच्छी नींद बहुत जरूरी है। भ्रूण के विकास के साथ शरीर को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। समय बढ़ने के साथ थकान बढ़ती जाती है !
गर्भावस्था के दोरान नींद ना आना या रेस्ट लेस होना आम बात हे | कई बार खूब नींद भी आती है, तो कई बार टूट-टूट कर आती है।
अच्छी नींद मेंटेन रखने के लिए सोडा, कॉफी, चाय जैसे कैफीनयुक्त पेय कम से कम लें। सुबह-सुबह या दोपहर में चाय-कॉफी ना ही लें तो बेहतर होगा । अपने सोने जागने का टाइम निश्चित करें। वक्त से उठे, वक्त से सोएं। और हल्के गरम पानी से नहाए !
Herbal Tea लें या शहद के साथ दूध लें। आहार Calcium युक्त रखें। इससे आराम से नींद आने के साथ पेरों में क्रैंप्स की शिकायत भी नहीं रहेगी।
यदि आप परेशान हैं और बहुत थकान महसूस कर रही हैं, तो नींद आना मुश्किल है। ऐसे में अपने दिमाग को शांत रखने के लिए आरामदायक योगासन करें। जब नींद ना आ रही हो, सीधी लेट जाएं, अपनी पैरों को स्ट्रेच करें। इससे प्रेगवेंसी के दौरान लचीलापन बना रहता है ! व्यायाम व योग किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
4.गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग केयर (Mood Swing Care during Pregnancy in Hindi):-
जैसा की हम उपर्युक्त प्रेगनेंसी केयर टिप्स की श्रेणी में बता चुके हैं की एक प्रेग्नेंट लेडी में भावनात्मक रूप से बदलाव होते हैं जिसके कारण उसका बेहेवियर एकदम से बदलने लगता है, तो इस स्थिति को कंट्रोल में रखने के लिए कौन कौन से प्रेगनेंसी केयर टिप्स प्रभावी हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में –
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का Mood तेजी से बदलता है कभी वह बहुत खुश और शांत रहती है। या कभी एकदम चिडचिडी हो जाती है ! वे कभी ओवर रिएक्ट करती है , तो कभी एकदम ढीली ढाली हो जाती हैं। इस तरह के कई शारीरिक और भावनात्मक बदलाव शरीर में इस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेयोन Hormones के अति सक्रिय होने की वजह से तेज़ी से होते है !
कई महिलाएं छठे से दसवें हफ्ते तक मूड स्विंग से बाहर आ जाती है ! लेकिन कई बार बच्चा पैदा होने से कुछ समय पहले Mood में तेजी से बदलाव आता है मूड स्विंग थकान मिचली छाती में जलन और Metabolism में परिवर्तन आने की वजह से होता है
Pregnancy Planing के बाद जहां नन्हे मेहमान के आने की खुशी होती है, वहीं आनेवाली जिम्मेदारियों की चिंता, आजादी खोने का अहसास मन को बेचेन भी करता है।
सबसे जरूरी है कि अपने मूड स्विंग के बहाव में ना बहने लगें | अपने आपको रिलेक्स रखें । रिलेक्स देनेवाली मसाज करवाएं , मनपसंद Hair Style बनाएं। दोस्तों के साथ पिक्चर देखें, अच्छी किताबें पढ़ें, संगीत का आनंद लें। मूड में उथल-पुथल महसूस होने पर शावर लें, इससे आप रिलेक्स महसूस करेंगी।
मूड स्विंग को काबू करने के लिए अच्छी तरह खाएं, पूरी नींद लें, हर समय लेटी ना रहें। चलें-फिरें, कुछ काम करें, रूटीन तोड़ें। रोज व्यायाम करें, पति के साथ चिंताएं शेअर करें। उनके साथ वक्त गुजारें। ध्यान (Meditation) करें। और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। धन्यवाद , आपको यह जानकारी पसन्द आयी है तो लाइक करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें |
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