पपीता खाने के 20 जबरदस्त फायदे | Health Benefits of Papaya in Hindi
परिचय :- पपीते में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे व्यक्ति का यौवन लंबे समय तक बना रहता है। हमारे शरीर में नब्बे प्रतिशत बीमारियां पेट से ही उपजती हैं। खान पान की गड़बड़ी और पाचन तंत्र की खराबी के कारण की शरीर को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। जिसके कारण ही लंबे समय के बाद शरीर में रोग उत्पन्न होने लगते हैं। इसलिए भी पपीता रोजाना की डाइट में शामिल किया जाना चाहिए। यही वो फल है जिसके सेवन मात्र से कई तरह की बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। आज हम आपको पपीते के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बता रहे हैं।
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हिंदी – पपीता
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संस्कृत नाम – मधुकर्कटी
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English – Papaya
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Scientific Names – Carica papaya
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Other Name- Papita
पपीता से विभिन्न रोगों का सफल उपचार : Papaya Khane ke Fayde(labh) in Hindi
आइए जानते हैं इसके 20 फायदों के बारे में
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पपीते में कई प्रकार के पाचक एंजाइम्स होते हैं। साथ ही इसमें कई डाइट्री फाइबर्स भी होते हैं जिसके वजह से पाचन क्रिया सही रहती है और व्यक्ति कब्ज से परेशान नहीं रहता। साथ ही रोजाना पपीते का सेवन कभी कभार फास्ट फूड के सेवन से होने वाले विपरीत प्रभावों से भी हमें दूर रखता है।
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पपीते में फाइबर, विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो रक्त शिराओं में कॉलेस्ट्रोल को जमा नहीं होने देता। जिसके कारण हृदय संबंधी रोगों के होने की गुंजाइश बेहद कम हो जाती है।
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पपीते में एंटी इंनफलेमेट्री गुण पाए जाते हैं। इस गुण के कारण यह सूजन की समस्या को ठीक करता है। साथ ही रगड़, छाले और जले हुए भाग पर कच्चे पपीते का रस लगाने से यह समस्या तेजी से सही हो जाती है।
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पपीते में एंटी-ऑक्सीडेंट, flavonioids और phytonutrients प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो आपकी कोशिकाओं को क्षति पहुंचने नहीं देते। कुछ अध्ययनों ने पपीते के सेवन से कोलन और प्रोस्टेट कैंसर के कम खतरे की पुष्टि भी की है।
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यह एक ऐसा फल है जिसे गर्भावस्था के दौरान सेवन नहीं करना चाहिए, लेकिन यही फल बच्चे के जन्म के पश्चात् मां के दूध में वृद्धि करने में सहायक होता है। डॉक्टर भी बच्चे के जन्म के बाद इस फल को खाने के लिए सुझाव देते हैं।
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पपीते में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह सभी विटामिन त्वचा से झुर्रियों को दूर रखते हैं और असमय होने वाली त्वचा की समस्याओं को भी सही करते हैं। इस फल को रोजाना खाने की आदत आपको लंबे समय तक जवां रखने में मदद करती है।
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पपीते में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को कम नहीं होने देता। अधिकतर बढ़ती उम्र में आंखों की रोशनी कम हो जाती है। पपीता अपने आहार में शामिल करने से इस मुसीबत से बचा जा सकता है।
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किसी व्यक्ति को पीलिया होने पर पपीता बहुत ही फायदेमंद होता है ।
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पपीता दातों में से आने वाले खून को रोकता है।
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पपीता खाने से कब्ज नहीं होता, तो इससे बवासीर रोग में भी लाभ मिलता है।
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पपीते में पपेन नामक पदार्थ होता है जो भोजन को पचाने में सहायक होता है।
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पपीते को चेहरे पर लगाने से मुहांसे नहीं होते हैं।
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हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया में कुछ फ्री रेडिकल बनते है। थोड़ी मात्रा में इनका बनना जरूरी होता है। परंतु जब ये ज्यादा मात्रा में बनते है तो नुकसान पहुँचाने लगते है। अधिक फ्री रेडिकल के कारण त्वचा पर झुर्रियां , थकान , सिरदर्द , स्मरण शक्ति कम होना ,जोड़ों का दर्द , मांसपेशियों का दर्द , सफ़ेद बाल , आखों से कम दिखाई देना आदि दुष्प्रभाव सामने आने लगते है। पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इन हानिकारक फ्री रेडिकल के नुकसान से बचा सकते है।
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खाली पेट पका हुआ पपीता सेंधा नमक , काली मिर्च , काला नमक , नींबू आदि लगाकर कुछ दिन लगातार खाने से अम्ल पित्त एसिडिटी और अपच आदि ठीक होते है। पाचन संबंधी सभी तकलीफ दूर होती है। इसमें मिलने वाला फाइबर कब्ज ठीक करता है।
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कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाने से स्तन में दूध बढ़ता है। पका हुआ पपीता खाकर ऊपर से गुनगुना मीठा दूध पीने से स्तन में दूध बढ़ता है। स्तनों का विकास होता है। कच्चा पपीता सेंधा नमक , नींबू आदि मिलाकर खाने से भी स्तन में दूध बढ़ता है।
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पपीता प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है। प्रोटीन का पाचन सही तरीके से नहीं होने से भी गठिया , कब्ज , अर्थराइटिस आदि हो सकते है।
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कुछ दिन लगातार पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर मलने से झाइयां मिटती है , मुँहासे ठीक होते है, झुर्रियां मिट जाती है । यह डेड सेल्स को निकाल देता है। यदि धूप में ज्यादा रहना पड़ता है तो रोज पपीते का गूदा मलने से धूप से होने वाले नुकसान नहीं होते। चेहरे पर लगाए जाने वाले फेस मास्क में भी पपीते का गूदा मिलाया जा सकता है। इससे चेहरा खिल उठता है। पपीता खाने से भी चेहरे की चमक बनी रहती है।
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मलेरिया या लंबे समय तक बुखार के बाद लीवर या प्लीहा में वृद्धि होने पर कच्चा पपीता जीरा , काली मिर्च व सेंधा नमक मिलाकर खाने से लाभ होता है।
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पपीते के सूखे हुए बीज पीस कर तिल के तेल में मिलाकर उबालें। ठंडा होने पर छान लें। इस तेल की लकवाग्रस्त अंग पर मालिश करने से लाभ होता है।
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पका हुआ पपीता , दूध और चीनी मिलाकर ग्राइंडर में शेक बनाकर पीने से पेट की गर्मी दूर होती है।
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पपीता खाने के नुकसान : Papaya khane ke nuksan
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प्रेगनेंसी में पपीते से नुकसान , Pregnant हों तो पपीता खाना चाहिए या नहीं : कच्चा पपीता गर्भावस्था में बिल्कुल नहीं खाना चाहिए । विशेषज्ञों के अनुसार कच्चे पपीते में मौजूद पपेन के कारण प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन कमहो जाता है। यह हार्मोन गर्भ धारण के लिए आवश्यक होता है। पपेन में भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक झिल्ली को तोड़ने की प्रवृति के
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कारण भी गर्भावस्था के लिए यह नुकसान देह होता है। अच्छे से पका हुआ पपीता नुकसान नहीं करता। बल्कि विटामीन और एंटीऑक्सीडेंटकी प्रचुर मात्रा के कारण फायदा ही करता है। पके हुए पपीते में पपेन बहुत कम मात्रा में होता है। गर्भावस्था में पपीते की पत्ती का भी उपयोग भी नहीं करना चाहिए।
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अल्सर होने पर या खून को पतला करने वाली दवा लेने वालों को भी डॉक्टर से पूछ कर ही पपीते का सेवन करना चाहिए।
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किसी भी सर्जरी से पहले या बाद में कच्चा पपीता नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह रक्त को पतला कर सकता है।
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नियमित और अधिक मात्रा में पपीता खाने से इसमें मौजूद बीटा केरोटीन त्वचा के रंग को प्रभावित कर सकता है। स्किन के कलर में पीलापन दिख सकता है।
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लेटेक्स से एलर्जी हो तो पपीता नहीं खाना चाहिए। चेहरे , होंठ , जीभ पर या गले में सूजन , दर्द , खुजली जो पपीता खाने के तुरंत बाद
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उभरने लगे या पेट में दर्द , निगलने में कठिनाई , चक्कर आने लगे तो पपीता नहीं खाना चाहिए।