मधुमेह Diabetes ,लक्षण Signs और आपकी देखभाल Your Care
मधुमेह एक ऐसा रोग है, जिसमें आपका शरीर उस भोजन का समुचित रूप से उपयोग नहीं कर पाता, जिसे आप ऊर्जा प्राप्त करने के लिए खाते हैं। कोशाणुओं को जीवित रहने तथा विकसित होने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जब आप भोजन करते हैं तब यह ऊर्जा के एक रूप में विखंडित हो जाता है, जिसे ग्लूकोज़ कहते हैं। ग्लूकोज़ शर्करा का ही दूसरा नाम है। ग्लूकोज़ आपके रक्त में जाता है और आपकी रक्त शर्करा बढ़ जाती है। इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो आपके अग्न्याशय (पैन्क्रियाज़) में बनता है। यह ग्लूकोज़ को आपके रक्त से कोशाणुओं में पहुँचाने में सहायक होता है, जिससे आपका शरीर, इसका ऊर्जा हेतु उपयोग कर सके। लोग इंसुलिन के बिना जीवित नहीं रह सकते।
मधुमेह के तीन मुख्य प्रकार हैं।
-
प्रकार-1 मधुमेह, अग्न्याशय इंसुलिन पैदा नहीं करता।
-
प्रकार-2 मधुमेह, अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन पैदा नहीं करता अथवा जो इंसुलिन अग्न्याशय में पैदा होता है, आपका शरीर उसका उपयोग नहीं कर पाता।
-
गर्भावस्था के दौरान होने वाले गर्भावधि मधुमेह में माता इतनी पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन पैदा नहीं कर पाती जिससे माता तथा शिशु दोनों की आवश्यकता की पूर्ति हो सके।
मधुमेह संबंधी जोखिम के तत्व आपको मधुमेह होने संबंधी अधिक खतरा है, यदि
आपः Risk Factors for Diabetes
-
ऐसे परिवार से हैं, जिसमें अन्य लोगों को मधुमेह हुआ है।
-
आपका वजन सामान्य से अधिक है।
-
आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है।
-
आप निष्क्रिय रहते हैं।
-
आपको गर्भावस्था के दौरान मधुमेह (गर्भावधि मधुमेह) हुआ था अथवा आपके शिशु का वजन, जन्म के समय 9 पाउंड अथवा 4 किलोग्राम या इससे अधिक था।
-
आप अफ्रीकी, एशियाई, लैटिन अथवा प्रशांत द्वीपीय वंश से हैं।
मधुमेह के लक्षण Signs of Diabetes
-
बहुत प्यास लगना
-
थकान महसूस करना
-
बार-बार पेशाब आना
-
दृष्टि में धुंधलापन
-
वजन कम होना
-
जख्म ठीक होने में अधिक समय लगना
-
लगातार भूख लगना
-
त्वचा में खुजली होना
-
संक्रमण होना
-
पैरों तथा/अथवा हाथों का सुन्न होना अथवा झनझनाहट
-
यौन क्रियाओं में समस्या
अक्सर लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते यद्यपि उनका रक्त शर्करा स्तर अधिक होता है। आपको मधुमेह होने की जानकारी रक्त जाँच से मिल सकती है।
आपकी देखभाल Your Care
लक्ष्य यही है कि आपका ग्लूकोज़ स्तर यथासंभव सामान्य के आसपास रहे। आपकी देखभाल में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
-
भोजन संबंधी योजना तैयार करना
-
ग्लूकोज़ स्तर की जाँच
-
आपका ग्लूकोज़ स्तर कब बहुत कम अथवा बहुत अधिक होता है, यह जानने के लिए, लक्षणों को पहचानना
-
व्यायाम करना
-
दवाएं-इंसुलिन अथवा गोलियाँ लेना
-
अपने स्वास्थ्य सेवा दल के साथ, सभी निश्चित मुलाकातें करना
-
मधुमेह कक्षाओं में भाग लेना |