योग क्या है? | What is Yoga in Hindi
योग का इतिहास | History of Yoga in Hindi
योग भारत और नेपाल में एक आध्यात्मिक प्रकिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। यह शब्द, प्रक्रिया और धारणा बौद्ध धर्म,जैन धर्म और हिंदू धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बंधित है। योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्री लंका में भी फैल गया है और इस समय सारे सभ्य जगत् में लोग इससे परिचित हैं।
योग क्या है? | What is Yoga in Hindi
योग’ शब्द ‘युज समाधौ’ आत्मनेपदी दिवादिगणीय धातु में ‘घं’ प्रत्यय लगाने से निष्पन्न होता है। इस प्रकार ‘योग’ शब्द का अर्थ हुआ- समाधि अर्थात् चित्त वृत्तियों का निरोध। वैसे ‘योग’ शब्द ‘युजिर योग’ तथा ‘युज संयमने’ धातु से भी निष्पन्न होता है किन्तु तब इस स्थिति में योग शब्द का अर्थ क्रमशः योगफल, जोड़ तथा नियमन होगा। आत्मा और परमात्मा के विषय में भी योग कहा गया है।
योग का लक्ष्य Goal of yoga in Hindi
योग का लक्ष्य स्वास्थ्य में सुधार से लेकर मोक्ष प्राप्त करने तक है। जैन धर्म, अद्वैत वेदांत के मोनिस्ट संप्रदाय और शैव सम्रदाय के अन्तर में योग का लक्ष्य मोक्श का रूप लेता है, जो सभी सांसारिक कष्ट एवं जन्म और मृत्यु के चक्र (संसार) से मुक्ति प्राप्त करना है, उस क्षण में परम ब्रह्मणके साथ समरूपता का एक एहसास है। महाभारत में, योग का लक्ष्य ब्रह्मा के दुनिया में प्रवेश के रूप में वर्णित किया गया है, ब्रह्म के रूप में, अथवा आत्मन को अनुभव करते हुए जो सभी वस्तुओं मे व्याप्त है।
योग का महत्व Importance of yoga in Hindi
वर्तमान समय में अपनी व्यस्त जीवन शैली के कारण लोग संतोष पाने के लिए योग करते हैं। योग से न केवल व्यक्ति का तनाव दूर होता है बल्कि मन और मस्तिष्क को भी शांति मिलती है।[76] योग बहुत ही लाभकारी है। योग न केवल हमारे दिमाग, मस्तिष्क को ही ताकत पहुंचाता है बल्कि हमारी आत्मा को भी शुद्ध करता है। आज बहुत से लोग मोटापे से परेशान हैं, उनके लिए योग बहुत ही फायदेमंद है। योग के फायदे से आज सब ज्ञात है, जिस वजह से आज योग विदेशों में भी प्रसिद्ध है।
21 जून योग दिवस (21 June Yoga Day )
इतनी प्रसिद्धि के बाद पहली बार 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक बर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी है।
21 जून 2015 को प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर 192 देशों और 47 मुस्लिम देशों में योग दिवस का आयोजन किया गया। दिल्ली में एक साथ 35985 लोगों ने योगाभ्यास किया।इसमें 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस अवसर पर भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाकर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज करा लिया है। पहला रिकॉर्ड एक जगह पर सबसे अधिक लोगों के एक साथ योग करने का बना, तो दूसरा एक साथ सबसे अधिक देशों के लोगों के योग करने का बना है।
“अष्टांग योग”
पतंजलि का लेखन ‘अष्टांग योग”(“आठ-अंगित योग”) एक प्रणाली के लिए आधार बन गया।
अष्टांग योग के आठ अंग हैं :-
1. यम (पांच “परिहार”): अहिंसा, झूठ नहीं बोलना, गैर लोभ, गैर विषयासक्ति और गैर स्वामिगत |
2. नियम (पांच “धार्मिक क्रिया”): पवित्रता, संतुष्टि, तपस्या, अध्ययन और भगवान को आत्मसमर्पण |
3. आसन:मूलार्थक अर्थ “बैठने का आसन” और पतंजलि सूत्र में ध्यान |
4. प्राणायाम (“सांस को स्थगित रखना”): प्राणा, सांस, “अयामा “, को नियंत्रित करना या बंद करना। साथ ही जीवन शक्ति को नियंत्रण करने की व्याख्या की गयी है।
5. प्रत्यहार (“अमूर्त”):बाहरी वस्तुओं से भावना अंगों के प्रत्याहार |
6. धारणा (“एकाग्रता”): एक ही लक्ष्य पर ध्यान लगाना.
7. ध्यान (“ध्यान”):ध्यान की वस्तु की प्रकृति गहन चिंतन |
8. समाधि(“विमुक्ति”):ध्यान के वस्तु को चैतन्य के साथ विलय करना। इसके दो प्रकार है – सविकल्प और अविकल्प। अविकल्प समाधि में संसार में वापस आने का कोई मार्ग या व्यवस्था नहीं होती। यह योग पद्धति की चरम अवस्था है।
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