रक्तवाहिका रोग (Blood Vessel Disease)
रक्तवाहिका रोग को परिसरीय वाहिकामय (peripheral vascular) रोग या धमनी का रोग भी कहा जाता है। यह पेट, टांगों और बाँहों में रक्त वाहिकाओं की सिकुड़न है। रक्त वाहिका रोग वसा जिसे प्लाक कहा जाता है के जमने के कारण होता है जिससे रक्त वाहिकाएं सँकरी हो जाती हैं।
जब रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, तब आपके शरीर के अंगों में कम ऑक्सीजन वाला रक्त जाता है। इससे ऊतक या कोशिका की मृत्यु हो सकती है। रक्त वाहिका रोग अंगच्छेदन का मुख्य कारण है।
पेट, टांगों और बाँहों में रक्त वाहिका रोग के लक्षण Signs of Blood Vessel Disease in the Abdomen, Legs and Arms
1. मांसपेशियों में दर्द, पीड़ा या ऐंठन
2. ठंडी, पीली त्चचा, ठंडे हाथ और पैर
3. हाथों और पैरों की त्वचा और नाखूनों का लालिमायुक्त नीला रंग
4. कोई ऐसा ज़ख्म जिसके भरने में बहुत अधिक समय लगता है या जब उसके ऊपर पपड़ी हो, तो यह काला दिखाई देता है
5. टांगों, पैरों या पैरों की उंगलियों से बाल झड़ना
6. टांगों या पैरों में कमज़ोर नब्ज़ या नब्ज़ न होना
7. व्यायाम करने पर होने वाली पीड़ा जो आराम करने के साथ समाप्त हो जाती है
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण हो, तो जांच करने के लिए अपने डॉक्टर को फोन करें।
जोखिम के घटक Risk Factors
आपको रक्त वाहिका रोग का अधिक खतरा होता है, यदि:-
1. आप धूम्रपान करते हों
2. आपको मधुमेह (डायबिटीज़) हो
3. आपकी आयु 45 वर्ष से अधिक हो
4. आपका कोलेस्टेरॉल अधिक हो
5. आपको उच्च रक्तचाप हो आपके परिवार के किसी सदस्य को हृदय या रक्त वाहिका का रोग हो
6. आपका वज़न अधिक हो
7. आप निष्क्रिय हों
आपकी देखभाल Your Care
1. रक्त वाहिका रोग को स्वास्थ्यकारी आदतों से रोका जा सकता है या इसका प्रभाव कम किया जा सकता है।
2. अपने रक्तचाप की जांच करवाएं।
3. अपने चिकित्सक से प्रतिवर्ष मिलें।
4. धूम्रपान न करें या तम्बाकू का उपयोग न करें।
5. प्रतिदिन व्यायाम करें।
6. कम वसा वाला और अधिक रेशे वाला आहार लें।
7. तनावमुक्त रहें।
आपकी देखभाल में दवा और सर्जरी भी सम्मिलित हो सकती है।