गंगाजी के अत्यन्त पुण्यदायी 108 नाम और 108 मंत्र
भगवान विष्णु के चरण से निकलने वाली, ब्रह्मा के कमण्डलु में रहने वाली और भगवान शिव की जटाओं में से प्रवाहित होने वाली गंगा सब पापों को हरने वाली और पवित्र करने वाली हैं । श्रीमद्देवीभागवत के अनुसार-भगवान श्रीकृष्ण और उनकी स्वरूपा शक्ति श्रीराधा ने भक्तों पर अनुग्रह करने के लिए जलमय विग्रह धारण किया । अत: गंगा ‘शक्ति’ का ही पर्याय है; इसीलिए सैंकड़ों कोस दूर से भी जो ‘गंगा-गंगा’ ऐसा कहता है, वह सब पापों से मुक्त हो विष्णुलोक को प्राप्त होता है । गंगाजी नाम लेने मात्र से पापों को धो देती हैं, दर्शन करने पर कल्याण करती हैं और स्नान और पान करने पर सात पीढ़ियों तक को पवित्र कर देती हैं । गंगाजी कभी किसी से कुछ मांगती नहीं, किसी से कुछ लेती नहीं, वह तो बिना भेदभाव के केवल देती ही देती हैं । वह तो अकालमृत्युहरिणी, आरोग्यदायिनी, दीर्घायु:कारिणी, मोक्षदा, रागद्वेषविनाशिनी हैं ।
जो व्यक्ति प्रात:काल उठकर गंगा के इन परम पुण्य देने वाले 108 नामों को भक्तिपूर्वक पढ़ता है, उसके ब्रह्महत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते हैं और वह अतुलनीय आरोग्य व सुख प्राप्त करता है, इसमें कोई संदेह नहीं है । जहां कहीं भी स्नान करके मनुष्य यदि इस स्तोत्र का पाठ करे तो उसे वहीं गंगास्नान का फल निश्चित रूप से प्राप्त हो जाता है । जो मनुष्य गंगाजी के इन 108 नामों का या स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करता है, वह अंत में गंगा को प्राप्त होकर परम पद प्राप्त कर लेता है । जो मनुष्य गंगास्नान के समय इन नामों का पाठ करता है, वह हजारों अश्वमेधयज्ञों का फल प्राप्त करता है । पंचमी तिथि को इन नामों का पाठ करने से दस हजार गायों के दान का फल मिलता है । कार्तिक पूर्णिमा को गंगासागर संगम में स्नान करके जो मनुष्य इसका पाठ करता है, वह शिवत्व को प्राप्त हो जाता है, यह सत्य है इसमें कोई संशय नहीं है ।
गंगाजी के अत्यन्त पुण्यदायी 108 नाम
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गंगा,
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त्रिपथगा देवी,
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शम्भुमौलिविहारिणी,
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जाह्नवी,
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पापहन्त्री,
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महापातकनाशिनी,
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पतितोद्धारिणी,
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स्त्रोतस्वती,
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परमवेगिनी,
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विष्णुपादाब्जसम्भूता,
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विष्णुदेहकृतालया,
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स्वर्गाब्धिनिलया,
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साध्वी,
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स्वर्णदी,
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सुरनिम्नगा,
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मन्दाकिनी,
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महावेगा,
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स्वर्णश्रृंगप्रभेदिनी,
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देवपूज्यतमा,
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दिव्या,
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दिव्यस्थाननिवासिनी,
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सुचारुनीररुचिरा,
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महापर्वतभेदिनी,
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भागीरथी,
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भगवती,
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महामोक्षप्रदायिनी,
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सिन्धुसंगगता,
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शुद्धा,
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रसातलनिवासिनी,
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महाभोगा,
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भोगवती,
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सुभगानन्ददायिनी,
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महापापहरा,
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पुण्या,
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परमाह्लाददायिनी,
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पार्वती,
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शिवपत्नी,
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शिवशीर्षगतालया,
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शम्भोर्जटामध्यगता,
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निर्मला,
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निर्मलानना,
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महाकलुषहन्त्री,
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जह्नुपुत्री,
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जगत्प्रिया,
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त्रैलोक्यपावनी,
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पूर्णा,
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पूर्णब्रह्मस्वरूपिणी,
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जगत्पूज्यतमा,
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चारुरूपिणी,
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जगदम्बिका,
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लोकानुग्रहकर्त्री,
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सर्वलोकदयापरा
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याम्यभीतिहरा,
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तारा,
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पारा,
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संसारतारिणी,
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ब्रह्माण्डभेदिनी,
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ब्रह्मकमण्डलुकृतालया,
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सौभाग्यदायिनी,
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पुंसां निर्वाणपददायिनी,
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अचिन्त्यचरिता,
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चारुरुचिरातिमनोहरा,
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मर्त्यस्था,
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मृत्युभयहा,
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स्वर्गमोक्षप्रदायिनी,
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पापापहारिणी,
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दूरचारिणी,
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वीचिधारिणी,
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कारुण्यपूर्णा,
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करुणामयी,
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दुरितनाशिनी,
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गिरिराजसुता,
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गौरीभगिनी,
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गिरिशप्रिया,
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मेनकागर्भसम्भूता,
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मैनाकभगिनीप्रिया,
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आद्या,
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त्रिलोकजननी,
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त्रैलोक्यपरिपालिनी,
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तीर्थश्रेष्ठतमा,
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श्रेष्ठा,
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सर्वतीर्थमयी,
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शुभा,
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चतुर्वेदमयी,
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सर्वा,
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पितृसंतृप्तिदायिनी,
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शिवदा,
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शिवसायुज्यदायिनी,
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शिववल्लभा,
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तेजस्विनी,
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त्रिनयना,
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त्रिलोचनमनोरमा
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सप्तधारा,
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शतमुखी,
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सगरान्वयतारिणी,
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मुनिसेव्या,
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मुनिसुता,
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जह्नुजानुप्रभेदिनी,
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मकरस्था,
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सर्वगता,
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सर्वाशुभनिवारिणी,
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सुदृश्या,
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चाक्षुषीतृप्तिदायिनी,
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मकरालया,
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सदानन्दमयी,
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नित्यानन्ददा,
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नगपूजिता,
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सर्वदेवाधिदेवै: परिपूज्यपदाम्बुजा ।
गंगा मैया के 108 नामों के मंत्र
1*ॐ गङ्गायै नमः।
2*ॐ त्रिपथगादेव्यै नमः।
3*ॐ शम्भुमौलिविहारिण्यै नमः।
4*ॐ जाह्नव्यै नमः।
5*ॐ पापहन्त्र्यै नमः।
6*ॐमहापातकनाशिन्यै नमः।
7*ॐ पतितोद्धारिण्यै नमः।
8*ॐ स्रोतस्वत्यै नमः।
9*ॐ परमवेगिन्यै नमः।
10*ॐ विष्णुपादाब्जसम्भूतायै नमः।
11*ॐ विष्णुदेहकृतालयायै नमः।
12*ॐ स्वर्गाब्धिनिलयायै नमः।
13*ॐ साध्व्यै नमः।
14*ॐ स्वर्णद्यै नमः।
15*ॐ सुरनिम्नगायै नमः।
16*ॐ मन्दाकिन्यै नमः।
17*ॐ महावेगायै नमः।
18*ॐ स्वर्णशृङ्गप्रभेदिन्यै नमः।
19*ॐ देवपूज्यतमायै नमः।
20*ॐ दिव्यायै नमः।
21*ॐ दिव्यस्थाननिवासिन्यै नमः।
22*ॐ सुचारुनीररुचिरायै नमः।
23*ॐ महापर्वतभेदिन्यै नमः।
24*ॐ भागीरथ्यै नमः।
25*ॐ भगवत्यै नमः।
26*ॐ महामोक्षप्रदायिन्यै नमः।
27*ॐ सिन्धुसङ्गगतायै नमः।
28*ॐ शुद्धायै नमः।
29*ॐ रसातलनिवासिन्यै नमः।
30*ॐ महाभोगायै नमः।
31*ॐ भोगवत्यै नमः।
32*ॐ सुभगानन्ददायिन्यै नमः।
33*ॐ महापापहरायै नमः।
34*ॐ पुण्यायै नमः।
35*ॐ परमाह्लाददायिन्यै नमः।
36*ॐ पार्वत्यै नमः।
37*ॐ शिवपत्न्यै नमः।
38*ॐ शिवशीर्षगतालयायै नमः।
39*ॐ शम्भोर्जटामध्यगतायै नमः।
40*ॐ निर्मलायै नमः।
41*ॐ निर्मलाननायै नमः।
42*ॐ महाकलुषहन्त्र्यै नमः।
43*ॐ जह्नुपुत्र्यै नमः।
44*ॐ जगत्प्रियायै नमः।
45*ॐ त्रैलोक्यपावन्यै नमः।
46*ॐ पूर्णायै नमः।
47*ॐ पूर्णब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः।
48*ॐ जगत्पूज्यतमायै नमः।
49*ॐ चारुरूपिण्यै नमः।
50*ॐ जगदम्बिकायै नमः।
51*ॐ लोकानुग्रहकर्त्र्यै नमः।
52*ॐ सर्वलोकदयापरायै नमः।
53*ॐ याम्यभीतिहरायै नमः।
54*ॐ तारायै नमः।
55*ॐ पारायै नमः।
56*ॐ संसारतारिण्यै नमः।
57*ॐ ब्रह्माण्डभेदिन्यै नमः।
58*ॐ ब्रह्मकमण्डलुकृतालयायै नमः।
59*ॐ सौभाग्यदायिन्यै नमः।
60*ॐ पुंसां निर्वाणपददायिन्यै नमः।
61*ॐ अचिन्त्यचरितायै नमः।
62*ॐ चारुरुचिरातिमनोहरायै नमः।
63*ॐ मर्त्यस्थायै नमः।
64*ॐ मृत्युभयहायै नमः।
65*ॐ स्वर्गमोक्षप्रदायिन्यै नमः।
66*ॐ पापापहारिण्यै नमः।
67*ॐ दूरचारिण्यै नमः।
68*ॐ वीचिधारिण्यै नमः।
69*ॐ कारुण्यपूर्णायै नमः।
70*ॐ करुणामय्यै नमः।
71*ॐ दुरितनाशिन्यै नमः।
72*ॐ गिरिराजसुतायै नमः।
73*ॐ गौरीभगिन्यै नमः।
74*ॐ गिरिशप्रियायै नमः।
75*ॐ मेनकागर्भसम्भूतायै नमः।
76*ॐ मैनाकभगिनीप्रियायै नमः।
77*ॐ आद्यायै नमः।
78*ॐ त्रिलोकजनन्यै नमः।
79*ॐ त्रैलोक्यपरिपालिन्यै नमः।
80*ॐ तीर्थश्रेष्ठतमायै नमः।
81*ॐ श्रेष्ठायै नमः।
82*ॐ सर्वतीर्थमय्यै नमः।
83*ॐ शुभायै नमः।
84*ॐ चतुर्वेदमय्यै नमः।
85*ॐ सर्वायै नमः।
86*ॐ पितृसन्तृप्तिदायिन्यै नमः।
87*ॐ शिवदायै नमः।
88*ॐ शिवसायुज्यदायिन्यै नमः।
89*ॐ शिववल्लभायै नमः।
90*ॐ तेजस्विन्यै नमः।
91*ॐ त्रिनयनायै नमः।
92*ॐ त्रिलोचनमनोरमायै नमः।
93*ॐ सप्तधारायै नमः।
94*ॐ शतमुख्यै नमः।
95*ॐ सगरान्वयतारिण्यै नमः।
96*ॐ मुनिसेव्यायै नमः।
97*ॐ मुनिसुतायै नमः।
98*ॐ जह्नुजानुप्रभेदिन्यै नमः।
99*ॐ मकरस्थायै नमः।
100*ॐ सर्वगतायै नमः।
101*ॐ सर्वाशुभनिवारिण्यै नमः।
102*ॐ सुदृश्यायै नमः।
103*ॐ चाक्षुषीतृप्तिदायिन्यै नमः।
104*ॐ मकरालयायै नमः।
105*ॐ सदानन्दमय्यै नमः।
106*ॐ नित्यानन्ददायै नमः।
107*ॐ नगपूजितायै नमः।
108*ॐ सर्वदेवाधिदेवैः परिपूज्यपदाम्बुजायै नमः।
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