Mutual Fund in Hindi म्यूचुअल फंड क्या है
म्यूचुअल फंड क्या है, कैसे काम करता है और क्या हैं इसके फायदे आइये हिंदी में जानते हैं. यूनिट किसे कहते हैं, म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे कर सकते हैं और कैसे यह शेयर बाज़ार में सीधे निवेश करने के बजाए ज्यादा सुरक्षित निवेश माना जाता है।
ज्यादातर लोगों को म्यूचुअल फंड अथवा इस जैसे अन्य वित्तीय शब्दजाल सुन कर डर लगता है। आप बारीकी से इसे देखो तो म्यूचुअल फंड की बुनियादी बातों को समझने के लिए डरने की वास्तव में बहुत ज्यादा आवश्यकता नहीं है। इसलिए इसे समझाने के लिए एक बुनियादी सवाल का जवाब देना जरुरी है कि म्यूचुअल फंड क्या है?
निवेशकों की एक बड़ी संख्या के द्वारा जमा पैसा यानि कि धन राशी से जो फंड बनता है उसको म्यूचुअल फंड कहते हैं जिसे एक फण्ड में डाल दिया जाता है। फण्ड मेनेजर इस पैसे को विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिए अपने निवेश प्रबंधन कौशल का उपयोग करता है. फण्ड मेनेजर म्यूचुअल फंड कई तरह से निवेश करता है जिससे उसका रिस्क और रिटर्न निर्धारित होता है.
जब बहुत से निवेशक मिल कर एक फण्ड में निवेश करते हैं तो फण्ड को बराबर बराबर हिस्सों में बाँट दिया जाता है जिसे इकाई या यूनिट Unit कहते हैं.
उदाहरण के लिये मान लीजिये कि कुछ दोस्त मिल कर एक जमीन का टुकडा खरीदना चाहते हैं। सौ वर्ग गज के जमीन के टुकडे की कीमत दस लाख रुपये है। अब यदि इस फंड को सौ रुपये कि युनिट्स में बांटेंगे तो 10,000 यूनिट बनेंगे. निवेशक जितने चाहे उतने यूनिट अपनी निवेश क्षमता के अनुसार खरीद सकते हैं.
यदि आपके पास केवल एक लाख रुपये निवेश के लिए हैं तो आप हजार यूनिट खरीद सकते हैं. उसी अनुपात में आप भी उस निवेश (जमीन के) मालिक हो गए.
अब मान लीजिये की इस दस लाख के निवेश की कीमत बढ़ कर एक महीने के बाद रुपये 1,200,000 हो गयी. अब इस निवेश के अनुसार यूनिट की कीमत निकाली जायेगी तो सौ रुपये वाला यूनिट अब 120 रुपये का हो चुका है. जिस निवेशक ने एक लाख रुपये में हजार यूनिट खरीदे थे, अब 120 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से अब उसका निवेश (1000X120) रुपये 120000 हो चुका है.
एक निवेशक के रूप में आप द्वारा निवेश की गई राशि पर आधारित है कि आप कितनी यूनिट्स के मालिक हैं। इसलिए, एक निवेशक भी एक यूनिट धारक के रूप में जाना जा सकता है। इसमें से अर्जित अन्य आय के साथ-साथ निवेश के मूल्य में वृद्धि को लागू व्यय, भार और करों को घटाने के बाद यूनिटों की संख्या के साथ अनुपात में निवेशकों / यूनिट धारकों को बांट दिया जाता है।
इससे आप देख सकते हैं की एक निवेशक जो कि बड़ा निवेश नहीं कर पाता, उस के पास छोटे छोटे यूनिट्स में निवेश करने की सुविधा है.
इसके अलावा Mutual Fund म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है की एक निवेशक जिसे बाज़ार की अधिक जानकारी नहीं है वह अपना निवेश विशेषज्ञों के हाथ में छोड़ देता है. कहाँ, कैसे और कब निवेश करना है यह विशेषज्ञों निर्धारित करते हैं.
म्यूचुअल फंड कई तरीके से निवेश करते है. सबसे प्रमुख बांड तथा शेयर मार्केट्स हैं. इसके अलावा गोल्ड अथवा अन्य किसी माल (Commodities) में निवेश कर सकते है. फंड्स के कई प्रकार होते हैं जिन्हें उनके निवेश के अनुसार जाना जाता है. मुख्य हैं डेट, इक्विटी और बैलेंस्ड फण्ड. सबसे अधिक विविधिता इक्विटी फंड्स में पायी जाती है.
हाल ही के समय में म्यूचुअल फंड निवेश कर विकल्प के रूपमें बहुत तेज़ी से उभरा है और अधिक से अधिक लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना आसान है और SIP के द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश करना अधिक से अधिक लोगों की पसंद बनता जा रहा है। जहाँ बैंको में ब्याज कम होता जा रहा है वहाँ निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड बहुत अच्छा विकल्प है। लम्बे समय तक निवेश किया जाए तो यह निवेश पर सबसे अधिक रिटर्न प्राप्त करने का ज़रिया बन सकता है।
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