पंचामृत लोह गुग्गुलु केफायदे, प्रयोग, खुराक औरनुकसान | Panchamrut Loha Guggul ke fayde | Panchamrut Loha Guggul benefits,uses,dosage and disadvantages in hindi
अपच के कारण जब आहार पूरी तरह पच नहीं पाता तो अपचा आम और कुपित वात साथ होकर रक्त के साथ शरीर में भ्रमण करने लगते हैं और जहां-जहां जोड़ होते हैं, वहां-वहां, विशेषकर शरीर के अधोभाग में, पीड़ा उत्पन्न करने लगते हैं। इस व्याधि को आमवात और संधिवात (आर्थराइटिस) कहते हैं। ऐसी व्याधियों को नष्ट करने के लिए आयुर्वेदिक योग ‘पंचामृत लोह गुग्गुलु’ एक अति उत्तम, लाभकारी और निरापद औषधि है।
पंचामृत लोह गुग्गुल का प्रयोग करने पर मस्तिष्कगत वात विकार, मांसपेशियो मे पीड़ा (Muscle Pain), गृध्रसी (Sciatica), कमर का दर्द, संधिवात (Osteoarthritis), आदि वात विकार नष्ट होते है।
जब मस्तिष्क (शिर) मे वात विकार होता है तो शिरदर्द, चक्कर आना और मानसिक अस्वस्थता बढ़ जाती है। जब शिर मे वातविकार ज्यादा बढ़ जाता है तो मनुष्य पागल भी हो जाता है और पक्षघात भी हो सकता है।
जब मस्तिष्कगत वातकेंद्र मे और वातनाड़ियो मे विकृति हो और खून की कमी हो तब इस रसायन का उपयोग होता है। पंचामृत लोह गुग्गुल आम (Toxin) को जलाता है, रक्त का प्रसादन करता है तथा मस्तिष्क, ह्रदय, रक्त (खून), रक्तवाहिनिया और वातवाहिनियों को सबल बनाता है। जिससे मस्तिष्क मे शून्यता आ जाना, चक्कर आना, घबराहट, मानसिक बेचैनी, अर्दित (Facial Paralysis) और शरीरके विविध स्थानो मे वातजनित वेदना होना आदि लक्षण दूर हो जाते है।
पंचामृत लोह गुग्गुलु के घटक द्रव्य :–
शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, रौप्य भस्म, अभ्रक भस्म और स्वर्णमाक्षिक भस्म- पांचों द्रव्य 40-40 ग्राम, लोह भस्म 80 ग्राम तथा शुद्ध गूगल (गुग्गुल) 280 ग्राम
पंचामृत लोह गुग्गुलु की निर्माण विधि :–
पारा और गंधक मिला कर खूब खरल कर कज्जली बना लें और भस्में मिला कर अच्छी तरह घोंट लें। लोहे के खरल में गुग्गुलु (गूगल) को कड़वे तेल के छींटे देते हुए घोंटें और जब गूगल नरम पड़ जाए तब भस्म आदि घुटे हुए द्रव्य इसमें मिलाकर छह घंटे तक खरल में घुटाई करें । इसके बाद 2-2 रत्ती (एक ग्राम में आठ रत्ती होती है) की गोलियां बना लें।
पंचामृत लोह गुग्गुलुके फायदेऔर उपयोग: Panchamrut Loha Guggul benefits and Uses (labh) in Hindi
1.मस्तिष्क के स्नायविक दौर्बल्य, शून्यता, चक्कर आना, घबराहट होना, बेचैनी आदि उपद्रव इस औषधि के सेवन से दूर होते है। यह रस-रक्तादि धातुओं को शुद्ध करती है। जिससे शरीर बल, वर्ण और कांति से युक्त होता है।
2.पंचामृत लोह गुग्गुलु औषधि आम विष को समाप्त करती है, आंत्रशोधक, अग्निवर्द्धक और बलवर्द्धक है। मस्तिष्क की कमजोरी से होने वाला सिरदर्द, अनिद्रा और थकावट आदि की शिकायतें दूर करती है।
3.यह योग रसायन रूप है और मांस पेशियों के दर्द, जोड़ों के दर्द, सायटिका, कमर-दर्द तथा आमवात के दर्द के लिए अत्यंत गुणकारी है।
4.पंचामृत लोह गुग्गुलु तंत्रिका दुर्बलता, सिर दर्द, अनिद्रा, कम भूख, पीलिया आदि में उपयोगी है। यह शरीर से गंदगी निकलती है और शक्ति देती है। यह दवा एक रासयन है जो कि नसों को ताकत देती है।
5.यह स्पॉन्डिलाइटिस, गृघ्रसी (कटिस्नायुशूल), कमर और घुटनों का दर्द, और अन्य वात-व्याधि रोगों में दी जाती है।
पंचामृत लोह गुग्गुलुकेसेवनकीमात्रा (How Much to Consume Panchamrut Loha Guggul?)
1-2 गोलियाँ, सुबह और शाम।
पंचामृत लोह गुग्गुलुकेसेवनकातरीका (How to Use Panchamrut Loha Guggul?)
इसकी मात्रा वयस्कों के लिए 1-1 गोली सुबह-शाम और छोटी आयु के बच्चों के लिए एक गोली को दो खुराक करके सुबह-शाम लेना है। यह गोली दूध से ली जा सकती है। चिकित्सक से परामर्श लेकर, रोग एवं रोगी की स्थिति के अनुसार, यह गोली अलग-अलग अनुपानों के साथ भी ली जाती है।
खान-पान और परहेज :-
1. इस औषधि को सेवन करते समय तले हुए, तेज मिर्च मसालेदार एवं मांसाहारी पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. मद्य सेवन नहीं करना चाहिए।
3.खट्टा पदार्थ एवं बेसन से बने पदार्थ नहीं खाना चाहिए।
4.दोनों वक्त सुबह-शाम शौच अवश्य जाना चाहिए यानि कब्ज़ नहीं होने देना चाहिए।
5.ठीक निश्चित वक्त पर खूब अच्छी तरह चबा-चबा कर भोजन करना चाहिए।
6. शाम का भोजन देर रात को नहीं, बल्कि सोने से 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए।
7.वातव्याधि मुख्यत: अपच और कब्ज़ के कारण ही उत्पन्न होती है।
8.याद रखें, उचित आहार-विहार एवं पथ्य पालन (परहेज) करना औषधि सेवन से ज्यादा लाभकारी और असरकारी होता है। पथ्यपालन किये बिना औषधि सेवन करना व्यर्थ सिद्ध होता है।
पंचामृत लोह गुग्गुलुकेनुकसान(Side Effects of Panchamrut Loha Guggul):-
1.पंचामृत लोह गुग्गुलु को डॉक्टर की सलाह अनुसार ,सटीक खुराक के रूप में समय की सीमित अवधि के लिए लें ।
2.इस औषधि को ठंडी एवं सुखी जगह पर ही रखना चाहिए ।
3.पंचामृत लोह गुग्गुलु लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
4.इस औषधि को बच्चों से दूर रखना चाहिए ।
पंचामृत लोह गुग्गुलु कैसे प्राप्त करें ? (How to get Panchamrut Loha Guggul)
यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।
ध्यान दें :- Dcgyan.com के इस लेख (आर्टिकल) में आपको पंचामृत लोह गुग्गुलु के फायदे, प्रयोग, खुराक और नुकसान के विषय में जानकारी दी गई है,यह केवल जानकारी मात्र है | किसी व्यक्ति विशेष के उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है |
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