प्रभाकर वटी के फायदे , प्रयोग, खुराक और नुकसान | Prabhakar Vati benefits,uses,dosage and disadvantages in hindi
यह वटी टेबलेट के रूप में उपलब्ध एक आयुर्वेदिक दवा है। इस आयुर्वेदिक औषधि का विशेष उपयोग सभी प्रकार के हृदय रोगों एवं हृदय से संबंधित रोगों के उपचार में किया जाता है। प्रभाकर वटी अधिक परिश्रम से सांस फूलना, खून की कमी, सूजन, पुरानी खाँसी आदि कई रोगों को दूर करती है।
घटक एवं उनकी मात्रा :
• स्वर्ण माक्षिक भस्म – 10 ग्राम,
• लोह भस्म शतपुटी – 10 ग्राम,
• अभ्रक भस्म शत पुटी – 10 ग्राम,
• तवाशीर असली – 10 ग्राम,
• सूर्य तापी शुद्ध शिलाजीत – 10 ग्राम,
प्रमुख घटकों के विशेष गुण :-
1. स्वर्णमाक्षिक भस्म : पित्तशामक, विषघ्न, रक्तबर्धक, बल्य, रसायन।
2. लोह भस्म : बल्य, रक्तबर्धक, रसायन।
3. अभ्रक भस्म : मज्जाधातु बर्धक, बल्य, वातपित्तशामक, रसायन।
4. तवाशीर : बृंहण, बल्य, रसायन।
5. शिलाजीत : रक्त बर्धक, बल्य, मेदनाशक, रसायन।
6. अर्जुन छाल : हृदय बलबर्धक, वातशामक, अस्थि संधानक।
प्रभाकर वटी बनाने की विधि :
सर्व प्रथम तवाशीर का सूक्ष्म चूर्ण बनाकर उसमें भस्में मिलाकर खरल करें, शिलाजीत को अर्जुनत्वक क्वाथ में घोलकर वस्त्र से छान कर उपरोक्त भस्मों में मिलाकर खरल करें । अर्जुन क्वाथ थोड़ा मिलाकर खरल करते रहें। एक दिन खरल करने के उपरान्त 250 मि.ग्रा. की वटिकाएँ बनवाकर छाया में सुखा लें।
प्रभाकर वटी के फायदे और उपयोग : Prabhakar Vati benefits and Uses (labh) in Hindi
वीर्य विकार में प्रभाकर वटी का सेवन फायदेमंद (Uses of Prabhakar Vati for Sperm Related Disorder in Hindi)
आज वीर्य संबंधी विकार से कई लोग पीड़ित है। ऐसे लोग बीमारी को ठीक करने के लिए अनेक तरह के उपाय करते हैं। आप प्रभाकर वटी का सेवन कर सकते हैं। प्रभाकर वटी वीर्य विकार को ठीक करने में भी मदद पहुंचाती है।
मस्तिष्क विकार में प्रभाकर वटी के फायदे (Benefits of Prabhakar Vati for Mental Disorder in Hindi)
इसके अलावा प्रभाकर वटी चक्कर आने और मस्तिष्क संबंधित अन्य परेशानी के इलाज में भी लाभ (prabhakar vati benefits) पहुंचाती है।
पीलिया में प्रभाकर वटी से लाभ (Prabhakar Vati Uses in Fighting with Jaundice in Hindi)
प्रभाकर वटी पीलिया के इलाज में भी लाभ पहुंचाती है। पीलिया से ग्रस्त लोग प्रभाकर वटी का उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से उपयोग की जानकारी जरूर लें।
डायबिटीज में प्रभाकर वटी का सेवन लाभदायक (Uses of Prabhakar Vati in Controlling Diabetes in Hindi)
आज एक महामारी बन चुकी है। हजारों लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। डायबिटीज से ग्रस्त लोग प्रभाकर वटी का प्रयोग करते हैं तो बेहतर तरीके से डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं।
आंखों की बीमारी में प्रभाकर वटी से लाभ (Benefits of Prabhakar Vati for Eye Disease Treatment in Hindi)
(parbhakar vati ke fayde) आंखों के रोग जैसे- आंखों का लाल होना और अन्य रोग में भी प्रभाकर वटी का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
खून की कमी दूर करने के लिए प्रभाकर वटी का सेवन (Prabhakar Vati Uses to Increase Blood Level in Body in Hindi)
आप खून की कमी से परेशान हैं। प्रभाकर वटी का सेवन करें। इससे खून की कमी दूर होती है। प्रभाकर वटी शरीर में खून को बढ़ाती है।
शारीरिक कमजोरी में प्रभारकर वटी से लाभ (Prabhakar Vati Benefits for Body Weakness in Hindi)
यह वटी शरीर को शक्ति प्रदान करती है और कमजोरी को दूर करती है। शारीरिक कमजोरी से पीड़ित लोग प्रभाकर वटी का सेवन करते हैं तो उन्हें बहुत लाभ मिलता है।
लिवर बढ़ने पर प्रभाकर वटी का सेवन फायदेमंद (Benefits of Prabhakar Vati for Liver Disease in Hindi)
(parbhakar vati ke fayde) लिवर का आकार बढ़ जाने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। इसमें हृदय रोग भी एक है। इस परेशानी में प्रभाकर वटी विशेष लाभदायक होती है।
नींद ना आने की परेशानी में प्रभाकर वटी के फायदे (Benefits of Prabhakar Vati for Insomnia in Hindi)
अनेकों लोगों को नींद ना आने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग प्रभाकर वटी का इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें बहुत लाभ मिलेगा। बेहतर फायदे के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
हृदय संबंधी रोगों में प्रभाकर वटी के फायदे (Prabhakar Vati Benefits for Heart Diseases in Hindi)
(Heart Disease) हृदय संबंधी विभिन्न रोगों जैसे कि हृदय की धड़कनों का अनियमित होना, थोड़ा मेहनत करते ही साँस फूलने की समस्या आदि में प्रभाकर विटी का सेवन फायदा देता है।
प्रभाकर वटी के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Prabhakar Vati?)
एक वटिका (गोली) प्रातः सायं भोजन से पूर्व ।
अनुपान :
अर्जुनक्षीर पाक, दूध, जल।
प्रभाकर वटी के नुकसान (Side Effects of Prabhakar Vati):-
(Prabhakar Vati ) इस वटी पूर्णतः निरापद औषधि है। इसके सेवन से किसी प्रकार की कोई अवांछित प्रतिक्रिया नहीं होती। यह बात अवश्यक है कि इसके घटक प्रमुखतः खनिज धातुओं की भस्में है। शतपुटी भस्में भी पूर्णत: सुरक्षित होती है। फिर भी धातुओं की भस्मों के सेवन काल में वर्णित पूर्वोपायों का पालन अवश्य करना चाहिए।
-
इस वटी लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
-
Prabhakar Vati (प्रभाकर वटी) को डॉक्टर की सलाह अनुसार ,सटीक खुराक के रूप में समय की सीमित अवधि के लिए लें।